आगामी लोकसभा चुनावों के लिए डीएमके ने मंगलवार को सीट शेयरिंग के फॉर्मूले का ऐलान कर दिया। डीएमके प्रेसिडेंट एमके स्टालिन ने बताया कि 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन के सहयोगियों के साथ सीटों पर समझौता हो गया है। डीएमके ने मंगलवार को घोषणा की कि वह लोकसभा चुनावों में तमिलनाडु की 20 सीटों से चुनाव लड़ेगी। समझौते के मुताबिक, डीएमके तमिलनाडु की 39 लोकसभा सीटों में 10 सीटें कांग्रेस को दे रही है। वाकी सीटें गठबंधन में सहयोगी सात अन्य पार्टियों के बीच बांट दी गई हैं।
डीएमके अध्यक्ष एम के स्टालिन ने तमिलनाडु के कांग्रेस प्रभारी मुकुल वासनिक, तमिलनाडु पीसीसी अध्यक्ष के एस अलागिरी और अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में पार्टी मुख्यालय में इसकी घोषणा की। डीएमके लोकसभा चुनावों में तमिलनाडु की 20 सीटों से चुनाव लड़ेगी वहीं कांग्रेस के खाते में 10 सीटें मिली हैं। इसमें पुडुचेरी की एक सीट भी शामिल है। वहीं 2-2 सीटें VCK, CPI, CPI(M) को दी जाएंगी। वहीं, MDMK, KDMK, IJK और IUML के हिस्से में एक-एक सीट मिलेगी।
एमडीएमके को एक राज्यसभा सीट भी आवंटित की गई स्टालिन ने मंगलवार को अपने सहयोगी वाइको के नेतृत्व वाले एमडीएमके के साथ चुनावी समझौते के इस नए सीट शेयरिंग फॉर्मूले का ऐलान किया। कांग्रेस को द्रमुक के सहयोगी दलों के बीच सीटों का सबसे बड़ा हिस्सा आवंटित किया गया है, जिसमें पुडुचेरी की एक सीट समेत तमिलनाडु नौ पुरानी सीटें मिली हैं। वही गठबंधन की एक अन्य साझेदार एमडीएमके को एक राज्यसभा सीट भी आवंटित की गई है। जिसके लिए जून में चुनाव होना है।
21 विधानसभा सीटों के लिए पार्टियों ने डीएमके को दिया समर्थन वहीं डीएमके के इस गठबंधन में शामिल पार्टियों ने राज्य की 21 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों के लिए DMK को अपना समर्थन दिया है। जो कुछ समय से खाली चल रही हैं। वर्तमान में, 234 सदस्यीय विधानसभा में डीएमके की कुल 88 सीटें हैं। 2017 में मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी के खिलाफ विद्रोह के चलते मद्रास हाईकोर्ट ने एआईएडीएमके 18 विधायकों को अयोग्य करार दिया था। जिसके बाद से ये सभी सीटें खाली हो गई थीं। वहीं तिरूवरूर और तिरुप्पुरनकुंडराम खंडों में मौजूदा विधायकों, डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि और एके बोस की मौत बाद ये सीटें खाली चल रही थीं।